50 लाख से अधिक लागत की निर्माणाधीन परियोजनाओं के निर्माण कार्यों में शिथिलता बरतने वाले अधिकारियों व ठेकेदारों के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही की जायेगी सुनिश्चित
सोनभद्र(उत्तर प्रदेश)। सूबे में मुख्यमंत्री के विकास प्राथमिकता वाले 37 बिन्दुओं की जिलाधिकारी ने की समीक्षा करते हुए कहा कि निर्धारित समयावधि के अन्दर कार्य को पारदर्शिता, गुणवत्ता पूर्ण तरीके से हर हाल में पूर्ण किया जाये। नहरों की शिल्ट-सफाई में शिथिलता बरतने पर अधिशासी अभियन्ता सिंचाई मीरजापुर नहर प्रखण्ड, सिंचाई निर्माण प्रखण्ड व बन्धी प्रखण्ड को स्पष्टीकरण जारी करने का निर्देश दिया और सड़कों के निर्माण कार्यों की धीमी प्रगति पर अधिशासी अभियन्ता निर्माण खण्ड-2 को स्पष्टीकरण दिया।
जिलाधिकारी चन्द्र विजय सिंह ने आज कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में विकास कार्यक्रमों व मुख्यमंत्री के प्राथमिकता से सम्बन्धित बिन्दुओं की समीक्षा किया। इस दौरान जिलाधिकारी ने विकास कार्यों, लाभार्थीपरक व जन कल्याणकारी योजनाओं की सम्बन्धित अधिकारियों से बारी-बारी से बिन्दुवार समीक्षा की। बैठक में जिलाधिकारी ने सिंचाई विभाग द्वारा नहरों की शिल्ट सफाईं के कार्यों के प्रगति के सम्बन्ध में समीक्षा की, तो नहरों की शिल्ट सफाई की प्रगति धीमी पायी गयी, जिस पर जिलाधिकारी ने नाराजगी व्यक्त करते हुए नहरों की शिल्ट-सफाई में शिथिलता बरतने पर अधिशासी अभियन्ता सिंचाई मीरजापुर नहर प्रखण्ड, सिंचाई निर्माण प्रखण्ड रावर्ट्सगंज व बन्धी प्रखण्ड को स्पष्टीकरण जारी करने के निर्देश दियें
उन्होंने कहा कि नहरों की शिल्ट सफाई के प्रगति में सुधार न होने पर सम्बन्धित अधिकारियों के विरूद्ध प्रतिकूल प्रविष्टि की कार्यवाही सुनिश्चित की जायेगी, इसी प्रकार से जिलाधिकारी ने लोक निर्माण विभाग द्वारा सड़कों की मरम्मत व निर्माण कार्यों की प्रगति की समीक्षा की तो निर्माण खण्ड-2 द्वारा सड़कों की निर्माण कार्यों की प्रगति धीमी पायी गयी, जिस पर जिलाधिकारी ने अधिशासी अभियन्ता निर्माण खण्ड-2 को स्पष्टीकरण जारी करने के निर्देश दियें। इसी प्रकार से जिलाधिकारी ने जनपद में निर्माणाधीन 50 लाख रुपये से अधिक लागत की निर्माणाधीन परियोजनाओं के निर्माण कार्यों की प्रगति की समीक्षा की, तो यह तथ्य संज्ञान में आया कि यूपी सिडको, राजकीय निर्माण निगम व निर्माण कार्यों हेतु अन्य नामित एजेन्सियों द्वारा कराये जा रहे कार्यों की प्रगति धीमी पायी गयी, जिस पर जिलाधिकारी ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि जिस निर्माण कार्य हेतु जिस भी एजेन्सी को नामित किया गया है, वह सम्बन्धित ठेकेदार से समन्वय स्थापित करते हुए निर्माण कार्यों के प्रगति में तेजी लाये, निर्माण कार्यों की प्रगति सुधार न होने पर सम्बन्धित अधिकारी व ठेकेदार के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही सुनिश्चित की जायेगी।
इस दौरान यू0पी0 सिडको द्वारा कराये जा रहे निर्माण कार्यों की प्रगति के सम्बन्ध में जानकारी ली तो, यह तथ्य संज्ञान में आया कि नवीन राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालय लोढ़ी राबर्ट्सगंज एवं राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालय उम्भा घोरावल के निर्माण कार्यों की प्रगति धीमी पायी गयी। जिस पर जिलाधिकारी ने एई सिडको को स्पष्टीकरण जारी करने के निर्देश दिये हैं। इसी प्रकार से जिलाधिकारी ने स्वास्थ्य विभाग द्वारा आयुष्मान कार्ड हेल्थ व वेलनेशन सेन्टर के निर्माण कार्य व एनआरसी सेन्टर के संचालन के प्रगति की भी समीक्षा की, समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देशित करते हुए कहा कि जिला संयुक्त चिकित्सालय एनआरसी सेन्टर में भर्ती करने हेतु बेडों की संख्या 10 से बढ़ाकर 20, इसी प्रकार से सीएचसी दुद्धी में 6 से बढ़ाकर 10, सीएचसी म्योरपुर के एनआरसी हेतु 10 बेडों में संचालन हेतु निर्देशित किया गया है।
उन्होंने कहा कि एनआरसी सेन्टरों में अति कुपोषित बच्चों को इलाज हेतु लाकर भर्ती कराया जाये, जिससे कि वह कुपोषण से मुक्त होकर जल्द से जल्द स्वस्थ्य हो सके, उन्होंने कहा कि एनआरसी सेन्टर के कुशल संचालन हेतु मुख्य चिकित्साधिकारी व जिला कार्यक्रम अधिकारी वापस में समन्वय स्थापित कर सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करायेंगें, इसमें किसी भी स्तर पर शिथिलता व लापरवाही बरतने पर सम्बंधित अधिकारी की जिम्मेदारी तय की जायेगी। इस दौरान उन्होंने अस्पतालों में सीजेरियन प्रसव के प्रगति की भी समीक्षा की और सम्बन्धित अधिकारियों को निर्र्देशित किया कि अस्पतालों में सीजेरियन प्रसव कराया जाये, अनावश्यक रूप से प्राईवेट अस्पतालों में जाने की सलाह न दी जाये, जिम्मेदारी के साथ अपने कार्यों को पूरा करें।
इस दौरान उन्होंने श्रमिक पंजीयन के प्रगति की समीक्षा की, समीक्षा के दौरान सम्बन्धित विभाग के अधिकारी को निर्देशित करते हुए कहा कि वह जिला विद्यालय निरीक्षक से समन्वय स्थापित कर विद्यालयों में जाकर उन छात्र-छात्राओं के अभिभावक जो वेल्डिंग, श्रम, खुमचा, ठेला, लोहार, राजमिस्त्री सहित अन्य श्रम से जुड़े कार्य करते हैं, का श्रमिक पंजीकरण कराना सुनिश्चित करें और सरकार द्वारा संचालित योजनाओं से लाभान्वित करायें। इसी प्रकार से जिलाधिकारी ने जनपद में यूरिया, डीएपी की उपलब्धता वितरण आदि के प्रगति के सम्बन्ध में जानकारी ली और उप निदेशक कृषि, एआर को-आपरेटिव को निर्देशित किया कि निर्धारित मूल्य से अधिक दाम में खाद बेचने वाले व काला बाजारी करने वालों के विरूद्ध अभियान चलाकर कार्यवाही सुनिश्चित किया जाये, निर्धारित मूल्य से अधिक दर पर खाद की बिक्री न होने पायें, इसका विशेष ध्यान दिया जाये।

इस दौरान उन्होंने जनपद में कराये गये निर्माण कार्यों के सत्यापन की प्रगति की समीक्षा की, तो यह तथ्य संज्ञान में आया कि आरईडी विभाग द्वारा कराये गये निर्माण कार्यों का सत्यापन जिला कृषि अधिकारी द्वारा नहीं किया गया है, जिससे निर्माण कार्य प्रभावित हो रहा है, जिस पर जिलाधिकारी ने जिला कृषि अधिकारी को स्पष्टीकरण जारी करने के निर्देश दिये हैं।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी सौरभ गंगवार, जिला विकास अधिकारी शेषनाथ चौहान, एके गुप्ता उप निदेशक कृषि, जिला पूर्ति अधिकारी गौरी शंकर शुक्ला, जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी ओम प्रकाश यादव, अपर जिला सूचना अधिकारी विनय कुमार सिंह सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारीगण उपस्थित रहे।
