पांच चिकित्साधीक्षक से मांगा स्पष्टीकरण, आशा बहुओं का करें भुगतान
सोनभद्र(उत्तर प्रदेश)। जिले के सीएचसी केकराही, चोपन व म्योरपुर में गर्भवती महिलाओं की लाईन लिस्टिंग की प्रगति धीमी पायी गयी, जिस पर जिलाधिकारी ने चिकित्सा अधीक्षक (एमवाईसी) केकराही, चोपन व म्योरपुर को स्पष्टीकरण जारी करने का निर्देश जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्साधिकारी को दिया।
जिलाधिकारी चन्द्र विजय सिंह ने आज कलेक्ट्रेट सभागार में जिला स्वास्थ्य समिति की शासी निकाय की बैठक किया। बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने सामुदायिक स्वास्थ्य केद्र के सौन्दर्यीकरण हेतु धनराशि व्यय की समीक्षा की तो सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र चतरा व नगवां की चिकित्सा अधीक्षक द्वारा धनराशि व्यय की प्रगति धीमी पायी गयी, जिस पर जिलाधिकारी ने चिकित्सा अधीक्षक चतरा व नगवां को स्पष्टीकरण जारी करने के निर्देश दियें।
जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देशित करते हुए कहा कि सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र का निरीक्षण कर आवश्यक व्यवस्थाओं का जायजा भी लेते रहें। गर्भवती महिलाओं की लाईन लिस्टिंग सामुायिक स्वास्थ्य केन्द्रों के द्वारा किये जा रहे कार्यों की प्रगति की समीक्षा किया। इस दौरान जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्साधिकारी से कहा कि जनपद में जिन एएनएम, आशा द्वारा कार्याें का सम्पादन बेहतर ढंग से नहीं किया जा रहा है और कार्य करने में शिथिलता बरती जा रही है, उनके विरूद्ध सेवा समाप्ति की कार्यवाही सुनिश्चित की जाये।
इस दौरान उन्होंने कहा कि यह भी सुनिश्चित किया जाये कि होने वाली प्रसव अस्पतालों में ही कराया जाये, बाहर कहीं अन्यत्र स्थानों पर न करायी जाये। जिलाधिकारी ने आशा के भुगतान के प्रगति की भी समीक्षा की, तो यह सथ्य संज्ञान में आया कि नगवां, बभनी, म्योरपुर को छोड़कर बाकी सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के बीसीपीएम द्वारा आशा के भुगतान में शिथिलता बरती गयी है। जिस पर जिलाधिकारी ने नगवां, बभनी व म्योरपुर के बीसीपीएम को छोड़कर बाकी सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों के बीसीपीएम के भुगतान पर रोक लगाने के निर्देश दियें। वही जिलाधिकारी ने जनपद के ग्राम सभाओं में खाली पड़े आशाओं के पदों पर नियुक्ति की कार्यवाही प्रारंभ करने हेतु मुख्य विकास अधिकारी को निर्देशित किया गया।
जिलाधिकारी ने कहा कि चिकित्सा व्यवस्था अधिक बेहतर देने के लिए आशा व एएनएम का प्रशिक्षण ब्लाक स्तर पर कराया, जिलाधिकारी ने कहा कि सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र व प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में बिजली, पानी, शौचालय की व्यवस्था बेहतर रखी जाये। उन्होंने कहा कि प्रसव केन्द्र में साफ-सफाई के साथ जालीदार खिड़की-दरवाजे, इकजाॅस्ट आदि की व्यवस्था की जाय। जिले स्तर से लेकर गांव स्तर तक स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर तरीके से पहुंचायी जाये, उन्होंने कहा कि जानलेवा बीमारियों से बचाने के लिए टीकाकरण को समयबद्ध तरीके से मूर्त रूप दिया जाये। बैठक के दौरान उन्होंने कहा कि सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र व सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र तथा जिला अस्पताल में सफाई का विशेष ध्यान दिया जाये।
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य केन्द्रों में शौचालय, बैठने की व्यवस्था, प्रसव केन्द्र आदि आवश्कतानुसार मरम्मत कराया जाये, आशा एवं एएनएम के कार्यों का भुगतान समय से किया जाये। जिलाधिकारी ने शासी निकाय की बैठक में प्रधानमंत्री मातृत्व वन्दना योजना, आयुष्मान भारत मिशन, जननी सुरक्षा योजना, जेएसएसके योजना,पीसीपीएनडीटी, परियोजना नियोजन, नियमित टीटकाकरण, एचएमआईएस, एमसीटीएस, सपोर्टिंग सुपर विजन,आरबीएसके एवं आरकेएसके, 102 व 108 अम्बुलेंस सेवा, राष्ट्रीय कार्यक्रम आदि कार्यक्रम की समीक्षा की।
जिला स्वास्थ्य समिति की शासी निकाय की बैठक में मुख्य विकास अधिकारी सौरभ गंगवार, मुख्य चिकित्साधिकारी डा0 आरएस ठाकुर, जिला विद्यालय निरीक्षक आरपी यादव, जिला पंचायत राज अधिकारी विशाल सिंह, अपर जिला सूचना अधिकारी विनय कुमार सिंह, प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों के प्रभारी चिकित्साधिकारीगण सहित अन्य सम्बन्धितगण मौजूद रहें।
