कौशाम्बी में CMO लिखी तेज रफ्तार कार ने मासूम बच्चे सहित तीन को रौंदा, इलाज के दौरान बच्चे की मौत
कौशाम्बी(उत्तर प्रदेश)। जिले में एक बार फिर से नेशनल हाईवे पर तेज रफ्तार का कहर देखने को मिला है। प्रयागराज की तरफ जा रही कार ने हाइवे किनारे खड़ी दो महिला समेत 3 माह के मासूम बच्चे को रौंद दिया। हादसे के बाद चीख-पुकार सुन मौके पर लोगों की भीड़ जुट गई। आनन फानन में घायलों को इलाज के लिए जिला अस्पताल लाया गया जहां इलाज के दौरान तीन माह के मासूम बच्चे की मौत हो गई। बच्चे की मौत से परिजनों में कोहराम मच गया। वहीं घायल महिलाओं का इलाज चल रहा है। पुलिस ने शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। इस घटना से नाराज परिजनों ने जिला अस्पताल में जमकर हंगामा किया। यहाँ गौर करने वाली बात यह है कि हादसा करने वाली कार पर सीएमओ लिखा हुआ है जिसकी जांच पुलिस कर रही है।
चरवा थाना क्षेत्र के नेशनल हाईवे स्थित भैरव भीटी निवासी मो. आदिल कपड़े का कारोबारी है। इन दिनों वह प्रयागराज में उसका कारोबार चल रहा है। उसका मकान हाइवे किनारे ही बना था। पत्नी, बच्चे एवं परिवार के लोग भैरव भीटी में ही रहते है। आदिल के परिवार की नसीमा एवं वाजिदा बुधवार की शाम को घर के बाहर खड़ी थीं। नसीमा की गोद में आदिल के तीन माह का बेटा आतिफ था। इसी दौरान प्रयागराज की तरफ जा रही सीएमओ लिखी एक तेज रफ्तार कार ने तीनों को जोरदार टक्कर मार दिया। हादसे में तीनों गंभीर रूप से घायल हो गए। वहीं हादसे के बाद कार भी डिवाइडर से टकरा गई। चीख पुकार सुनकर मौके पर लोगों की भीड़ जुट गई। आनन फानन में घायलों को इलाज के लिए जिला अस्पताल के लिए भेजा गया। चिकित्सकों ने तीनों का इलाज शुरू किया। लेकिन इलाज के दौरान मासूम आतिफ की मौत हो गई। बच्चे की मौत से परिजनों में कोहराम मच गया। वहीं दोनों महिलाओं का इलाज चल रहा है। परिजनों का आरोप है कि सीएमओ लिखी गाड़ी ने तीनों को रौंदा था। चालक लापरवाही से गाड़ी चला रहा था, जिसके चलते हादसा हुआ था। सूचना मिलने के बाद मौके पर पुलिस पहुंची। पुलिस कर्मियों ने किसी तरह से समझा बुझाकर मामले को शांत कराया। इसके बाद पुलिस ने शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

जिला अस्पताल के इमरजेंसी चिकित्सक राजेश कुमार सिंह ने बताया कि पेसेंट चरवा थाना क्षेत्र के हैं। नेशनल हाईवे के पास एक्सीडेंट हुआ है। इसमे इलाज के दौरान एक बच्चे की मौत हुई है। दो महिलाओं का इलाज चल रहा है। वह खतरे से बाहर हैं।
