भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष डॉ धर्मवीर तिवारी ने लगाया था पीडब्लूडी एक्सईएन पर चहेते ठेकेदारों को कार्य देने का आरोप
सोनभद्र(उत्तर प्रदेश)। जिला खनिज निधि से विकास खण्ड बभनी में मुर्धवा बभनी-बीजपुर मार्ग के किलोमीटर 41 से कारीडाड़ सेवाकुंज आश्रम तक सम्पर्क मार्ग के निर्माण कार्य एवं कारीडाड़ में सेवाकुंज आश्रम के सामने इण्टरलाकिंग, टाइल्स द्वारा निर्मित सम्पर्क मार्गों के सेलेक्शन बाण्ड बनाये जाने की खबर जो समाचार-पत्र में प्रकाशित हुई थी। उक्त खबर को जिलाधिकारी ने संज्ञान में लेते हुए प्रकरण में अधिशासी अभियन्ता निर्माण खण्ड लोक निर्माण विभाग से स्पष्टीकरण तलब किया।
उक्त मामले में अधिशासी अभियन्ता निर्माण खण्ड लोक निर्माण विभाग द्वारा अवगत कराया गया कि उक्त मार्ग ब्लाक बभनी में मुर्धवा-बभनी-बीजपुर मार्ग के कि0मी0-41 से कारीडाड़ सेवाकुंज आश्रम तक सम्पर्क मार्ग के निर्माण कार्य एवं ब्लाक बभनी में कारीडाड़ में सेवाकुंज आश्रम के सामने इण्टरलाकिंग, टाईल्स द्वारा निर्मित मार्ग के निर्माण कार्य का ई-निविदा प्रहरी के माध्यम से अधीक्षण अभियन्ता, मीरजापुर वृत्त, लोक निर्माण विभाग, मीरजापुर के पत्रांक-5776/53एम-मी0वृत्त/21 दिनांक 21 अक्टूबर,2021 एवं पत्रांक 4909/53एम-मी0वृत्त/22 दिनांक 11 अक्टूबर, 2022 द्वारा 02 बार ई-निविदा लगाया गया, परन्तु डी0एम0एफ0 मद/अन्य किसी मद से कोई धन अवमुक्त न होने के कारण अधीक्षण अभियन्ता, मीरजापुर वृत्त, लोक निर्माण विभाग, मीरजापुर द्वारा ई-निविदा निरस्त कर दी गयी, उक्त दोनों मार्गों पर इस खण्ड द्वारा किसी भी प्रकार का सेलेक्शन बाण्ड नहीं बनाया गया है।
बताते चले कि भारतीय जनता पार्टी के पूर्व जिलाध्यक्ष डॉ धर्मवीर तिवारी ने जिलाधिकारी सहित पीडब्ल्यूडी मंत्री को पत्र लिखकर आरोप लगाया था कि जिला खनिज निधि का जो बजट ब्लाक बभनी में मुर्धवा बननी – बीजपुर मार्ग के किमी 41 से कारीडाड़ सेवाकुंज आश्रम तक सम्पर्क मार्ग का निर्माण कार्य लागत रू0 382.00 लाख लगभग व कारीडाड़ में सेवाकुंज आश्रम के सामने इण्टरलाकिंग टाइल्स द्वारा निर्मित सम्पर्क मार्ग का निर्माण कार्य के लिए निर्गत लागत रू0 52.00 लाख रूपया की धनराशि आवंटित की गयी थी। जिसके सापेक्ष मात्र एक बार निविदा आमंत्रित की गयी दिनांक 14.10.2022 से 22.10. 2022 जो कि सर्वथा गलत व शासनादेश के विरूद्ध है तथा कोई भी निविदा नियमानुसार तीन बार दैनिक समाचार पत्रों में कराए जाने के पश्चात् ही उस पर ठेकेदारों से आम सहमति बनाकर ही सलेक्शन बाण्ड बनाये जाने का नियम है। पीडब्लूडी के उच्चाधिकारियों की बाण्ड को तोड़कर अधिशासी अभियन्ता द्वारा अपने कुछ चहेते ठेकेदारों को सलेक्शन बाण्ड बना दिया गया। पूर्व जिलाध्यक्ष ने इसकी तत्काल उच्चस्तरीय जाँच कराने की मांग किया।
