86 हजार रुपये, लैपटॉप, मोबाइल, डिवाइस, चार्जर, रजिस्टर व चेक बुक आदि की लूट हुई थी
प्रतापगढ़। जिले में बी फार्मा डिग्री धारक बना लुटेरा जो अपनी पहली ही वारदात में पुलिस के हत्थे चढ़ गया। बीती 21 तारीख को बाघराय थाना इलाके में हुई लूट में शामिल दो लुटरे गिरफ्तार, लूट का मास्टरमाइंड व घटना में शामिल अन्य आरोपी अभी भी पुलिस की पकड़ से दूर। एसपी ने किया प्रेसवार्ता में खुलासा।
बेरोजगारी के चलते उच्च शिक्षित युवक जरायम की दुनिया में रख रहे है कदम, बी फार्मा डिग्री धारी भास्कर पाठक ने बताया कि शिवमूर्ति सिंह कालेज ऑफ फार्मेसी से डिग्री प्राप्त है अभी तक रोजगार नही मिला है। हालांकि भास्कर ने बताया कि ग्रीन बुक के लाइसेंस के लिए भी आवेदन कर रखा है, जो अभी तक हासिल नहीं हुआ और पहुच गया जरायम की दुनिया में।
बीती 21 तारीख को दोपहर में बाघराय थाने भाव चौराहे के पास से 86 हजार रुपये, लैपटॉप, मोबाइल, डिवाइस, चार्जर, रजिस्टर व चेक बुक आदि की लूट हुई थी, इस बात की शिकायत करते हुए जय प्रकाश मिश्र जो टाइनी शाखा का संचालन भाव मे करता है ने की थी शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि पीछे नीली अपाचे बाइक पर तीन लोग आए और तमंचा सटा कर बैग समेत सारा सामान छीन कर भाग निकले। इस शिकायत पर स्थानीय थाने पर मुकदमा दर्ज कर आरोपियों की धर पकड़ में स्थानीय पुलिस के साथ ही स्वाट टीम को लगाया गया जिसके बाद बीती 25 तारीख की रात को कथित मुठभेड़ के बाद दो आरोपियों भास्कर पाठक व अनुज पांडेय को गिरफ्तार किया गया, इनके पास से 315 बोर का एक तमंचा, दो कारतूस, एक खोखा, एक बाइक, एक लैपटॉप मय चार्जर व 15 हजार रुपये बरामद हुए इस कार्यवाई दो उप निरीक्षकों समेत एक दर्जन सिपाही शामिल रहे। पुलिस अधीक्षक सतपाल एन्टील ने बताया कि पकड़े गए आरोपियों ने बताया कि जो एक अन्य साथी फरार है उसके रिश्तेदार ने टाइनी शाखा संचालक के द्वारा मोटी रकम के ट्रांजेक्शन की बात बताई और लूट की योजना बनाई, जिसके बाद कई दिन की रेकी के बाद वारदात को अंजाम दिया। एसपी ने बताया कि जो दो आरोपी पकड़े गए है इसमे से भास्कर बी फार्मा डिग्री होल्डर है और इसका ये पहला अपराध है, जबकि दूसरा अभियुक्त अनुज पांडेय पर तीन मुकदमे पहले से दर्ज हैं। इन्हें जेल भेजा जा रहा है बाकी की तलाश जारी है।
अब बड़ा सवाल ये है कि आखिर उच्च शिक्षा प्राप्त भास्कर जैसे युवा क्या अवसाद में जरायम की दुनिया मे कदम रख रहे है, कौन है इसका जिम्मेदार। या फिर संगत के फेर में फंस गया भास्कर कारण कुछ भी हो लेकिन व्यवस्था पर सवाल उठने लगा है।
